सांसों के जनाजें को, तो सबने जिंदगी जाना

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रोशन है जहाँ सारा मुहब्बत की बदौलत ही अँधेरा दिन में दिख जाना ,ये हमसे तुम जरा पूछो खुदा की बंदगी

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Madan Mohan Saxena

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