Hindi Kavita

Karnika Pathak
Karnika Pathak
from Khandwa
9 years ago

देंगे आतंकवाद को करारा वार

क्या नज़ारा हैं हैवानियत का मासूमों के कत्ले आम का

कहते हैं लिया हैं बदला अपने बीवी बच्चो का

ओ कायरो

कभी शेर सा दहाड़ कर देखों क्यूँ गीदड़ की तरह वार करते हो

लड़ना हैं तो सामने आओ क्यूँ बीवी के पल्लू में छीपते हो  

माना

ये आतंक हुआ दुश्मन के धरातल पर पर, इंसानियत हैं हमारे अन्दर भर-भर कर

देंगे अपने भाईयों का साथ लेकर हाथों में हाथ

हैं भारत माँ के लाल हम लड़ेंगे और जीतेंगे हर एक जंग ||

कर्णिका पाठक

Hindi Kavita On terrorism

 

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Ranjith
Ranjith
from hyderabad
9 years ago

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