मतदाता का अधिकार right of voter
आचार्य संजीव सलिल मतदाता का अधिकार Right of voter - भारत में आम चुनाव से सरकार चुनने का अधिकार जनता को In india it is the right of public to elect the govrnment- राजनैतिक दल जनता की पसंद के विपरीत उम्मीदवार खड़ा करें तो जनता उनमें से किसी एक को क्यों चुने? Why the public should be compelled to elect a candidate selected by a political party against the publik liking? नाग सौंप बिच्छू खड़े, जनता है मजबूर. जिसे चुनें वह डसेगा, होकर मद में चूर.
All the candidates are like snake, kobra etc.. who so ever wins will bite the public.
- उम्मीदवार केवल वह हो जिसे बिना किसी लाभ के देश व् जनता की सेवा करना हो. जन प्रतिनिधि को कोई भत्ता, सुविधा न दी जाए तो केवल आदर्शवादी चुनाव लडेंगे.
Will it not be proper to withdraw all the facilities, comforts and benefits given to a public representative? In such condition only idealistic and honest candidates will contest.
- अधिकांश जनता किसी को मत न दे तो सिर्फ़ थोड़े से लोगों की पसंद का आदमी सबका प्रतिनिधि कैसे हो सकता है?
If majority of voters dont elect a elect a candidate then how can he be treated as representative of all.
- क्या जन प्रतिनिधि बनने के लिए कुल मतदाताओं के ५०% से अधिक मत पाना जरूरी नहीं होना चाहिए?
Will it not be proper to make it copulsory for a candidate to get more than 50% votes to become a public representative?
I feel that this is a step to be taken in the future. The first thing to be done is to prevent anyone who has a criminal record to enter politics.
you are correct renie. for future reforms shall we not disscuss now?
आप सही हैं. क्या भविष्य में जो सुधर चाहिए उन पर हमें आज चर्चा नहीं करना चाहिए?
सही कह रहे हैं आप - जन प्रतिनिधि बनने के लिए कुल मतदाताओं के ५०% से अधिक मत पाना जरूरी होना ही चाहिए ।
मताधिकार से जनप्रतिनिधि चुनने की भारतीय व्यवस्था पत्रिकाओं व अन्य एजेंसियों के जनमत सर्वेक्षण की तरह लगती है, जहाँ असली भारतीय अभिव्यक्ति अनुपस्थित रहती है।
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