jindagikerang
करत-करत अभ्यास के, जडमति होत सुजान
रसरी आवत जात के, सिल पर पडत निशान.
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Finally a Hindi Blog :)
मुझे आपका ब्लॉग काफ़ी पसंद आया. सिर्फ कहानियाँ ही नहीं बल्कि आप नए नए शब्दार्थ तलाशते रहते हैं, यह मुझे बहुत अच्छा लगा. स्वरुप और लेखन, दोनों में ही विविधता और गुणवत्ता झलकती है. बहुत शुभकामनाएँ. और लिखें, ऐसे ही बढ़िया लिखें! मेरा भी एक हिंदी ब्लॉग है, आप देखें तो मुझे ख़ुशी होगी :)
mydolchi.blogspot.com