पुरानी बस्ती
जब कभी कहानियाँ और कविताओ की याद आती है तो मै दूर अपनी यादों की पुरानी बस्ती में चला जाता हूँ। यहाँ सब कुछ अलग है , शोर-गूल से दूर यहाँ आपको हर व्यक्ति प्यार से बात करते हुए मिल जाएगा। बस्ती को अगर धरती पर स्वर्ग मान ले तो उसमे कोई बुराई नहीं है, यहाँ के राहगीर कुछ ऐसे ही की आपको बस्ती स्वर्ग लगाने लगेगी। बस्ती में व्यंग का जिक्र करना है या नहीं इस बात को लेकर मैं बड़ी दुविधा में था। बस्ती कहानियों और कविताओं की जगह है यहाँ व्यंग पर बात करना ठीक होगा या नहीं इस बात में उलझा ही था की याद आया की व्यंग सभी को पसंद आता है। बस्ती में लोगो को कहानियो और कविताओ के साथ सच्चाई से अवगत करना भी जरूरी है इसलिए अंत में व्यंग को भी बस्ती का एक हीस्सा बना दिया।मेरी पुरानी बस्ती में आप सभी का स्वागत है। उम्मीद करता हूँ की यहाँ बिताया हर एक पल आपकी जिंदगी में नई खुशी लेकर आएगा।आपका प्यारा पुरानी बस्ती का राहगीर
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মাফ করবেন হিন্দি পরতে পারিনা