वादों का नया संस्करण

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रुक गए थे जहाँ, पल भर को कदम,ठहरी है वहीं, वो ठंढ़ी सी पवन,और बिखरे हैं वहीं, रूठे से कई ख्व&...

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Purushottam Kumar Sinha

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