उसके लबों पे मेरा बोसा उधार रहा, उसकी आँखों की शर्म का मैं बीमार रहा I बस सपनों में मेरा उसपे अख्तियार रहा, हकीकत मेरे और उसके बीच एक दी...
Read this post on probinglife.blogspot.com