उड़ जा रे ! मन दूर कहीं

5

उड़ जा रे ! मन दूर कहीं जहाँ न हों,धर्म की बेड़ियाँ स्वास्तिक धर्म ही मानव कड़ियाँ बना बì...

Read this post on kalprerana.blogspot.com


DHRUV SINGH

blogs from VARANASI