रुप धर वामन देव का हरि आए बलि के द्वार । तीन पग भूमि माँग कर हर लिया हरि ने ताप त्रय शीश पर रखा पग तीसरा । दृढ़ हुआ भक्ति का छंद ।
Read this post on noopurbole.blogspot.com