तुम हमारे नहीं तो क्या ग़म

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तुम हमारे नहीं तो क्या ग़म है हम तुम्हारे तो है ये भी क़्या कम है हुस्न की शोख़ियाँ ज़रा देखो गाहे

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Himanshu Joshi

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