सब आँखों में रहता हूँ मैं

2

दरियाओं सा बहता हूँ मैं सब आँखों में रहता हूँ मैं सहराओं में जब्त हुआ हूँ कतरा-कतरा रिसता हूँ मै

Read this post on safarkebaad.blogspot.com


Dr Ravindra Singh Mann

blogs from Haldwani