रास्ता लिपट के रह गया पाँव में...

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रास्ता लिपट के रह गया पाँव में, मंज़िल सिमट के रह गई सपनों  के गांव  में I हम इंतज़ार करते रहे, उम्मीद

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Neeraj Kumar

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