मेरी कविता, मेरा परिचय.

3

कुछ आस, कुछ निरास, कुछ बुझी, बुझी सी प्यास, कुछ विश्वासों के ढहने की टीस, कुछ,........................

Read this post on rahulpaliwal.blogspot.com


Rahul Paliwal

blogs from Pune