मैं हर रोज़ एक नयी उम्मीद बांधता हूँ...

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मैं हर रोज़ एक नयी उम्मीद बांधता हूँ, सपनों के जीने की तावीज़ बांधता हूँ I कल आज से बेहतर होगा, आज कल

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Neeraj Kumar

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