अपनी छोटी सी मुट्ठी में एक टुकड़ा धूप पकड़ती अपनी ललचायी आंखों से अपनी भाइयों को निहारती उस गेंद को उनसे ऊपर उछालना चाह्ती हुई ब...
Read this post on hummingwords.blogspot.com