ग़ज़ल : तेरी यादों से दिल बहला रहा हूँ

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....................................... जिसे अपना बनाए जा रहा हूँ, उसी से चोट दिल पे खा रहा हूँ, यकीं मुझपे करेगी या नहीं वो,

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अरुन शर्मा 'अनन्त'

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