ख्वाइश के मंज़र मे, डूबता जाए जहाँ,

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ख्वाइश के मंज़र मे, डूबता जाए जहाँ,दुनिया का हुआ, दुनिया को चाहा पर दुनिया ना चाहा I पहचì...

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Prashant Chandra Panda Meera Panigrahi

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