बचपन का पन्द्रह अगस्त ( अहा ! ज़िन्दगी के अगस्त अंक में प्रकाशित )

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इसी बीच मौके का फायदा देखकर गांव के सबसे पढ़े-लिखे बेरोजगार सज्जन श्री लल्लन शर्मा जी ने एक मांटेस

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Atul kumar Rai

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