1

राह में चलते एक पल दो पल, जो टहरता हूँ, जरा रूक हरतरफ से आती हुई , आवाजों को जरा सुनता हूँ, तोह दिल सहम

Read this post on youthforfreedomequality.blogspot.com


rahul

blogs from delhi