आबाद है...

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तेरी याद-ए-गुलिस्तां.., दिल में..., वर्ना ये दिल भी कहाँ आबाद है...! नक़्श-ए-क़दम हैं..,तेरे दिल की ख़ाक

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Dipali Sharma

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