इन फूलों ने ली अंगड़ाई है, ये हवा उससे मिल के आई है I ख्वाब का क्या भरोसा, ख्वाब तो ख्वाब हैं, आज हक़ीक़त मुझसे मिलने आई है I मुद्दत्तों ...
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