हिंदी राष्ट्रभाषा के पथ पर अग्रसर।

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हिंदी को हिंदू और उर्दू को मुसलमान के चश्मे से दूर रखना होगा। इन्हीं खोखले आधारों से भाषा का युद्ध और विरोध का जन्म होता है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि संवाद का सर्वोच्च शिखर भी आज हिंदुस्तान में हिंदी ही है। भारत को उच्च शिखर पर स्थापित करने के लिए भारत की मेधा के बच्चों को हिंदी या मातृभाषा में दक्ष रखना ही होगा।

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Krishna Mohan Singh

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