ज़िन्दगी खोती मिलती एक चीज़ हो गई...

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  ज़िन्दगी खोती मिलती एक चीज़ हो गई, ज़िन्दगी रेत में मिलती तेहज़ीब हो गई , और कश्तीओं का नसीब बस डूबना हीं था, ज़िन्दगी किनारों को तरसती अजीब हो...

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Neeraj Kumar

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