करीब पचास वर्ष पूर्व मैं प्रयागराज (इलाहाबाद) से शृंग्वेरपुर गया था साइकिल से। प्रयागराज से ३५ किमी दूर यह वह स्थान है जहां पर केवटराज ने श्रीराम को वनवास गमन के समय नाव से गंगाजी के पार कराया था। तब वह स्थान वीरान-सा था। गूगल मैप के अनुसार आज वहां बहुत बदल चुका है। अपने डेड़-दो घंटे के ठहराव में मैंने क्या देखा उसी का विवरण प्रस्तुत है।