आखिर मजदूर पीढ़ी दर पीढ़ी मजदूर बनकर ही क्यों रह जाता है। क्या मजदूरी करना मजदूरों की नियति है या फिर स्वीकार। Bhartiya Majdoor क्यों होता है पलायन को मजबूर।
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