इन प्रतिमाओं में जैन तीर्थंकरों को बैठने की स्थिति यानी पद्मासन के साथ -साथ खड़े होने की स्थिति (कायोत्सर्ग ) में दिखाया गया है। यहाँ एक ही स्थान पर जितनी मूर्तियां हैं उतनी शायद और कहीं नहीं हैं। 1500 मूर्तियां कम नहीं होतीं !
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