मजाल है जो ज़ेहन से रुखसत हो..

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कुछ ख्यालों और कल्पनाओं से राब्ता बनाए रखती हूँ जिसे शब्दों द्वारा काव्य रुप में ढालने की कोशिश...

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Pammi Singh

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