"सती की तरह"

3

"सती की तरह" मैं आज भी हूँ सज रही सती की तरह ही मूक सी मुख हैं बंधे मेरे समाज की वर्जन&...

Read this post on kalprerana.blogspot.com


DHRUV SINGH

blogs from VARANASI