प्रेम के सिरहाने में : मेरी कुछ कविताएँ

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सफ़रजैसे-जैसे बढ़ता गयाऔर चलने की चाह में चलता गयाकाटता गया बससफ़र ज़िंदगी काऔर निकë...

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Abhishant Sharma

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