मेरे हुज़रे पर आना - हिंदी शायरी

3

मेरे हुज़रे पर आना कभी मुलाकात करते हैं तुम आसमान से उतर आओ तब बात करते है कभी आरजू थी उनकी मगर अब नह

Read this post on kyakhayal.com


Naveen Bisht

blogs from Delhi