कछुए के पाँव पे

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कछुए के पाँव पे  सुना है  कोई मुझे जानता नहीं  कोई पहचानता नहीं  जैसे आ गई हूँ  अपने कुनबे से बि

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Sarita Snigdh Jyotsna

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