1

शायरी जिसे लिख न पाया वो शायरी हो तुम,जिसे पढ़ना हे चाहा वो ग़ज़ल हो तुम,सोचता हुँ,की फ़ीर ए...

Read this post on ekshayriaur.blogspot.com


Divesh Dixit

blogs from ujjain