लिये हूँ बैठी मैं चन्द धागे | कविता

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लिये हूँ बैठी मैं चन्द धागे सजाने तेरी कलाई सूनी जरा प्यार से इसको स्वीकार कर लो हो जा&...

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Nityanand Pandey

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