अपनी आज़ादी को हमें अब साधना है

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पाया भी है हमने और खोया भी अगर कुछ छूट गया है, टूट गया है तो बहुत कुछ हमने गढ़ा भी है यहीं अगर गरीबी

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Santosh Chaubey

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