बस स्त्री ही रहने दो

3

कुछ और नहीं बसबराबर कर दो मुझेघर में, बाहर में,ज़िन्दगी की टेढ़ी नज़र मेंऔर दुनिया के &...

Read this post on abhishantsharma.blogspot.com


Abhishant Sharma

blogs from Mumbai

Recommended for you