सस्सी...इक रज़ामंदी

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सस्सी चाहती तो वक़्त के साथ चल सकती थी बावज़ूद इसके उसने वक़्त में पीछे चलना मंज़ूर किया था | आहिस्ता आ

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Rajveer Singh Prajapati

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