तुम्हे जो हो खता मंजूर तो इजहार करता हूँ

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उसके मासूम से चेहरे पर बिखरे मुस्कान के मोती हैं झील-समंदर से गहरे नैनों में प्रेम की ज्योति है। ज

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DHARM RAJ SHARMA

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