नई सुबह का इंतजार.

4

आज सुबह से अपनी पुरानी जर्जर डायरी के पेज पलट रहा था. गोया अपनी ही जिन्दंगी के बरस पलट रहा था. यांदो

Read this post on rahulpaliwal.blogspot.com


Rahul Paliwal

blogs from Pune