मेरे ख्वाब.

3

तुझे देखता रहू , या सांसो की डोर थामे रहु. न देखा, तो क्या जी पाउँगा। देखता रहा, सांसे न ले पाउँगा। क

Read this post on rahulpaliwal.blogspot.com


Rahul Paliwal

blogs from Pune