आगोश में तेरी ऐ माँ जन्नत यहाँ क्योँ हो नहीं .......... !!

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इक प्यार की बाकी रही मूरत अगर तो तू रही आगोश में तेरी ऐ माँ जन्नत यहाँ क्योँ हो नहीं .......... !!

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Utpal Kant Mishra

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