@ अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रखना। : इस से बड़ी और कोई आज्ञा नहीं ।

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क्या ही धन्य है वह पुरूष जो दुष्टों की युक्ति पर नहीं चलता, और न पापियोंके मार्ग में खड़ा होता; और न

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