दो किनारें

6

हवा गुंज रही है ऐसे, जैसे गुनगुना रही है कुछ पंक्तियाँ। फैल रही है ऐसे, जैसे कह रही है कुछ कहानियाँ

Read this post on ikrshnan.blogspot.com


Krishh

blogs from Bengaluru