फूल,तितलियाँ,परियाँ और इन्द्रधनुष

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आज फिर से इस मन ने कुछ कहा, क्यों न किया जाए कुछ प्यारा प्यारा, कुछ नया; आसमाँ में खिलाएं फूल महकते ह

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Nisha Bansal

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