जिँदगी हर दिन सिमटती है

7

कितनी बड़ी विडम्बना है जीवन की, हम एक बड़े कल की उम्मीद रखते हैँ... और जिँदगी हर दिन सिमटती जाती है॥

Read this post on beingtherebel.blogspot.com


Amit Srivastava

blogs from New Delhi