यादों की किताब..

3

यादों की किताब से खुले आज कुछ पन्ने पुराने रिश्तों के कुछ धुंधले से भूले बिसरे कुछ आज भी यादों मे

Read this post on ritznritz.blogspot.com


Ritu Sharma

blogs from Bangalore