हौसला न मिला

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टूटकर बिखरे ऐसे की फिर हौसला न मिला, बेगुनाही का मेरे आज तक फैसला न मिला, भटकता रहता हूँ दर-ब-बदर ला

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अरुन शर्मा 'अनन्त'

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