बहुत हुई फ़िकर ज़माने की..

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ये महफ़िलें मेरे जनाज़े की, हैं कोशिशें उन्हे बुलाने की, जो आए ठीक से नहीं अब तक, जिन्हे लगी हुई है ज

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Aditya Singh

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