शुक्र है..शुक्रवार है..#39__(तन्हाई..)

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हरी धरती, भरा सागर, खुला अम्बर है तन्हाई, कभी जो साथ ना छोड़े, वही रहबर है तन्हाई, यही बस एक साथी है, य

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Aditya Singh

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