तेरी एक झलक को तरसता भी में हूँ, तेरी उन आँखों को पढता भी में हूँ

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फ़साना भी में हूँ . दीवाना भी में हूँ ज़माना भी में हूँ , तराना भी मैं हूँ

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shalini gaur

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