क्यों झाँकना नज़र में ये, नक़ाब जैसा है... जीत ही लेंगे बाज़ी हम तुम ....आवाज़ 'अदा' की ...

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मिला जब वो प्यार से, तो गुलाब जैसा है आँखों में जब उतर गया, शराब जैसा है खामोशियाँ उसकी मगर, हसीन लग

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Swapna Manjusha 'ada'

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